मेरे ऐब मुझे उंगलिओं पे गिनाओ यारो,
बस मेरी गैर- मौजूदगी मैं मुझे बुरा मत कहना....
बस मेरी गैर- मौजूदगी मैं मुझे बुरा मत कहना....
+++++++
"मेरे अश्क और तेरी यादों का कोई तो रिश्ता जरूर है..
कमबख्त जब भी आते है दोनों साथ ही आते है"..
कमबख्त जब भी आते है दोनों साथ ही आते है"..
++++++++
नहीं मिलेगा तुझे मुझ जैसा चाहने वाला...
जा तुझे इज़ाज़त है पूरी दुनिया आजमाले... !!
जा तुझे इज़ाज़त है पूरी दुनिया आजमाले... !!
++++
मनाने रूठने के खेल में हम ..
बिछड़ जायेंगे ये सोचा नहीं था .
बिछड़ जायेंगे ये सोचा नहीं था .
+++++
लोग मुझे पत्थर मारने आये तो वो भी साथ थे....
जिनके गुनाह कभी हम अपने सर लिया करते थे
जिनके गुनाह कभी हम अपने सर लिया करते थे
+++++++
तेरे होने पर खुद को तनहा समझू !
मैं बेवफा हूँ या तुझको बेवफा समझू !!
ज़ख्म भी देते हो मलहम भी लगाते हो !
ये तेरी आदत हैं या इसे तेरी अदा समझू !!
मैं बेवफा हूँ या तुझको बेवफा समझू !!
ज़ख्म भी देते हो मलहम भी लगाते हो !
ये तेरी आदत हैं या इसे तेरी अदा समझू !!
+++++++
पिछले बरस था खौफ की तुझको खो ना दूँ कही,
अब के बरस ये दुआ है की तेरा सामना ना हो.
अब के बरस ये दुआ है की तेरा सामना ना हो.
+++++++
कितनी अजीब जुदाई थी के तुझे
अलविदा भी न कह सका...
तेरी सादगी में इतना फरेब था के तुझे
बेवफा भी न कह सका..!!
अलविदा भी न कह सका...
तेरी सादगी में इतना फरेब था के तुझे
बेवफा भी न कह सका..!!
+++++
मंजिले बहुत है, अफसाने बहुत है,
इम्तेहां ज़िन्दगी में आने बहुत है,
जो मिला नहीं उसका क्या गिला करना,
दुनिया में खुश रहने के बहाने बहुत हैं
इम्तेहां ज़िन्दगी में आने बहुत है,
जो मिला नहीं उसका क्या गिला करना,
दुनिया में खुश रहने के बहाने बहुत हैं
+++++++
बेवफाई का दुख नहीं है मुझे
बस कुछ लोग ऐसे थे जिनसे उम्मीदें बहुत थी.
बस कुछ लोग ऐसे थे जिनसे उम्मीदें बहुत थी.
+++++++
बहुत पहले से "उन कदमों" की आहट जान लेते हैं..
तुझे ऐ जिंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं..
तुझे ऐ जिंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं..
+++++++
ये दिल कम्बखत जिद पर अडा है....
की तू नहीं तो तेरा जैसा भी कोई नहीं....
की तू नहीं तो तेरा जैसा भी कोई नहीं....
++++++++
बेवफाई का दुख नहीं है मुझे
बस कुछ लोग ऐसे थे जिनसे उम्मीदें बहुत थी.
+++++++++
उन्होने धक्का दिया हमें डुबोने के लिए
अंजाम ये हुआ कि हम तैराक बन गये।
अंजाम ये हुआ कि हम तैराक बन गये।
+++++++
"गर तू जिंदा है तो ज़िन्दगी का सबूत दिया कर !
वरना, ये ख़ामोशी तो कब्रिस्तान में भी बिखरी देखी है हमने !!"
+++++++
गैरों से मुहब्बत होने लगी है आजकल मुझे,
जैसे जैसे अपनों को आजमाता जा रहा हूँ...
+++++++++
एक वक्त है ये.. एक उम्र की जुदाई का.. उसे अहसास नहीं है.. ।
और एक वक्त था.. इस ख़याल से भी.. रो देती थी वो.. ।।
++++++
एक अजीब सी जंग छिड़ी है इस रात के आलम में,
आँखें कहती है सोने दे और दिल कहता है रोने दे...
++++++++
"दो बातें इंसान को अपनों से दूर कर देती हैं,
एक उसका 'अहम' और दूसरा उसका 'वहम'......
++++++++++
मैं मर भी जाऊ , तो उसे ख़बर भी ना होने देना ....
मशरूफ़ सा शख्स है , कही उसका वक़्त बर्बाद ना हो जाये ...!
+++++++++
बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे धीरे
इक शहर अब इनका भी होना चाहिए...
++++++++
है कोई वकील इस जहान में.....
जो हारा हुआ इश्क जीता दे मुझको.....?
+++++++
Dil bhi ik zid pay ada hai kisi bacche ki tarah,
Ya to sab kuch hi isay chahiye ya kuch bhi nahin..
+++++++
कभी ना भूले आप के होठ मुस्कराना,
कभी ना ख़त्म हो आपकी खुशियो का खजाना |
आपको जहान की हर ख़ुशी मिले ,
चाहे खुदा को ही जमीन पर पड़े आना |
कभी ना ख़त्म हो आपकी खुशियो का खजाना |
आपको जहान की हर ख़ुशी मिले ,
चाहे खुदा को ही जमीन पर पड़े आना |
++++
बिखरती रेत पर किस नक़्शे को आबाद रखेगी?
वो मुझको याद रखे भी तो कितना याद रखेगी?
उसे बुनियाद रखनी है अभी दिल में मुहब्बत की
मगर ये नींव वो मेरे बाद रखेगी!
पलट कर भी नहीं देखी उसी की ये बेरुखी हमने!
भुला देंगे उसे ऐसा कि वो भी हमें याद रखेगी !!!
+++++++
जिये हुए लम्हों को ज़िन्दगी कहते हैं,
जो दिल को सकून दे उसे खुशी कहते हैं,
और जिसके होने से ख़ुशी और ज़िन्दगी दोनों मिले,
ऐसे ही रिश्ते को हम दोस्ती कहते हैं.
+++++++
इश्क की राह में साथ चले थे दोनों
हम तो बरबाद हो गए तुम कहा तक पहुँचे
+++++++++
वो मुझे मेहंदी लगे हाथ दिखा कर रोई .
में किसी और की हूँ बस इतना बता कर रोई .
उमर भर की जुदाई का ख्याल आया था शायद !!
वो मुझे पास अपने देर तक बिठा कर रोई ..
अब के न सही ज़रूर हषर मैं मिलेंगे !!
यकजा होने के दिलास दिला कर रोई .
कभी कहती थी के मैं नहीं जी पाऊँगी तुम्हारे बिन !!
और आज फिर वो ये बात दोहरा कर रोई !!
मुझ पे इक कुराब का तूफ़ान हो गया है !!
जब मेरे सामने मेरे ख़त जला कर रोई !!.
मेरी नफरत और अदावत पिघल गई इक पल में !!
वो बे-वफ़ा है तो क्यूँ मुझे रुला कर रोई !!
मुझ से जायदा बिछड़ने का गम उसे था !!
वक़्त -ए-रुखसत वो मुझे सिने से लगा कर रोई !!
मैं बेकसूर हु , कुदरत का फैसला है ये !!
लिपट के मुझ से बस वो इतना बता कर रोई !!
सब शिकवे मेरे इक पल में बदल गए !!
झील सी आँखों में जब आंसू सजा कर रोई .
केसे उस की मोहब्बत पैर शक करें हम !!
भरी महफ़िल में वो मुझे गले लगा कर रोई!!
आख़री आस भी जब टूटती देखी ऊसने,
अपनी डोलीके चिलमनको गिरा कर रोई।
+++++++++++
हम आह भी भरते है तो हो जाते है बदनाम,
वो क़त्ल भी करते है तो चर्चा नहीं होता.
++++++
सुना है कोई और भी चाहने लगा है "तुम्हे"
"हमसे" ज्यादा चाहे तो उसी के हो जाना...
++++++++
हमारे ज़ख्मों की वजह भी वो हैं,
हमारे ज़खमों की दवा भी वो हैं,
वो नमक ज़खम पे लगाऐं भी तो क्या हुआ..
महोब्बत करने की वजह भी तो वो हैं...
++++++++
अब अगर आओ तो जाने के लिए मत आना,
सिर्फ एहसान जताने के लिए मत आना,
चाहने वालो की तकदीर बदल सकती है,
तुम बेबस हो ये बताने के लिए मत आना..
+++++++++
किसी को अपना बनाने का हुनर है तुममें,
काश किसी का बनकर रहने का हुनर भी होता...
++++++++
भूलें है रफ्ता रफ्ता उन्हे मुद्दतों में हम
किश्तों में खुदखुशी का मजा कोई हमसे पूछे।।।।।
++++++++
मैनें दिल को भी सिखा दिया ,,,औकात में रहने का हुनर
वरना जिद्द करता था उसकी,,जो नसीब में नही है!!!
+++++++++
मोहब्बत की आजमाइश दे-दे कर अब हम थक गए ए-खुदा;
मुकद्दर में कोई ऐसा भी लिख दे जो मौत तक वफ़ा करे!
+++++++
टूट कर भी धड़कता रहता है
मैंने कमबख्त दिल सा
वफादार आज तक नही देखा...
+++++++++
बहुत याद करता है वो मुझे,
दिल से ये वहम जाता क्यों नहीं...
++++++++
जीना है तो चलते हुये
दोनों पैरों की तरह जियो, आगे
वाले पैर को घमंड नहीं होता, और
पिछले पैर को शर्म
नहीं होती क्योंकि वो जानते हैं
कि उनकी स्थिति बदलेगी ।
++++++++++
मै अपनी ज़िन्दगी में हर किसी को इतनी अहमियत इसलिए देता हूँ
क्योंकि
जो अच्छे होंगे वो साथ देंगे और जो बुरे होंगे वो सबक
++++++++
"मेरी शायरी को इतनी शिद्दत से ना पढ़िए..
गलती से कुछ याद हो गया तो मुझे भुला ना पाओगे"..
+++++++++
एक दिन किसी ने पूछा—
कोई अपना तुम्हे छोड़ के चला जाये तो यूं क्या करोगे?
हमने कहा:
अपने कभी छोड़ के नहीं जाते और जो चले जाये वो अपने नहीं होते…..
+++++++++
वो शाहिल से देखता रहा डूबना मेरा..
हम भी डूबते रहें पर पुकारा नही उसे..
++++++++++
प्रेम की लड़ाई में जिसमे प्रेम अधिक होता है वह हार जाता है..
+++++++
अपनों को हमेशा अपना होने का अहसास दिलाओ
वरना
वक़्त आपके अपनों को आपके बिना जिना सिखा देगा
++++++
जरुरी तो नहीं जो ख़ुशी दे उसी से प्यार हो,
सच्ची मोहब्बत तो अक्सर दिल तोड़ने वालो से ही होती है..
+++++++
"कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको,
चलो ऐसा करो भूला दो मुझको,
तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये,
दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको"
++++++++
नफरत है तो कह देते हमसे,
गैरों से मिल कर दिल क्यों जलाते हो.
+++++++++
मैं इससे बढकर सब्र की मिसाल और क्या दूं,,,
कि वो मुझसे लिपट के रोया किसी और के लिए...
++++++
एक ही शख्स था मेरे मतलब का,
और वही शख्स मतलबी निकला...
++++
Matlabi hai log yaha par
Matlabi zamana
Socha saya saath dega
Nikla wo begaana
++++++++
कभी ना भूले आप के होठ मुस्कराना,
कभी ना ख़त्म हो आपकी खुशियो का खजाना |
आपको जहान की हर ख़ुशी मिले ,
चाहे खुदा को ही जमीन पर पड़े आना |
कभी ना ख़त्म हो आपकी खुशियो का खजाना |
आपको जहान की हर ख़ुशी मिले ,
चाहे खुदा को ही जमीन पर पड़े आना |
++++++
बिखरती रेत पर किस नक़्शे को आबाद रखेगी?
वो मुझको याद रखे भी तो कितना याद रखेगी?
उसे बुनियाद रखनी है अभी दिल में मुहब्बत की
मगर ये नींव वो मेरे बाद रखेगी!
पलट कर भी नहीं देखी उसी की ये बेरुखी हमने!
भुला देंगे उसे ऐसा कि वो भी हमें याद रखेगी !!
वो मुझको याद रखे भी तो कितना याद रखेगी?
उसे बुनियाद रखनी है अभी दिल में मुहब्बत की
मगर ये नींव वो मेरे बाद रखेगी!
पलट कर भी नहीं देखी उसी की ये बेरुखी हमने!
भुला देंगे उसे ऐसा कि वो भी हमें याद रखेगी !!
++++++++
Meraa Dil Bhii Kitanaa Paagal Hai
Ye Pyaar Jo Tum Se Karataa Hai
Par Saamane Jab Tum Aate Ho,Kuchh Bhii Kahane Se Darataa Hai...
Ye Pyaar Jo Tum Se Karataa Hai
Par Saamane Jab Tum Aate Ho,Kuchh Bhii Kahane Se Darataa Hai...
+++++++
अभी सूरज नहीं डूबा जरा सी शाम होने दो,
मैं खुद लौट जाऊंगा मुझे नाकाम होने दो।
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूंढ़ता है जमाना,
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम तो होने दो।।
मैं खुद लौट जाऊंगा मुझे नाकाम होने दो।
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूंढ़ता है जमाना,
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम तो होने दो।।
+++++++++
“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!”
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!”
++++++++
"खूबसूरती से धोका न खाइये जनाब..
तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो...
मांगती तो........ खून ही हे"..
तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो...
मांगती तो........ खून ही हे"..
+++++++++
मैं इंसान खराब नहीं हूँ।
हाँ, हरकतें हो सकती है।
हाँ, हरकतें हो सकती है।
+++++++++
कमाल का शख्स था, जिसने ज़िंदगी तबाह कर दी;
राज़ की बात है दिल उससे खफा अब भी नहीं...
राज़ की बात है दिल उससे खफा अब भी नहीं...
++++++++++
दिन तो कट जाता है शहर की रौनक में,
कुछ लोग याद बहुत आते है दिन ढल जाने के बाद
कुछ लोग याद बहुत आते है दिन ढल जाने के बाद
++++++++
हुआ जो कुछ उसे भुलाना चाहिए था
के उसे अब लौट आना चाहिए था
यह सारा बोझ मेरे सर पे क्यों है
उसे भी थोड़ा गम उठाना चाहिए था
इतनी खामोशी से ताल्लुक तोड़ दिया
उसे पहले बताना चाहिए था
उसकी यादों की खुश्बू है आज भी मेरे दिल मैं
मुझे जिसको भुलाना चाहिए था
ज़रा सी ग़लती पे रूठ बैठे
क्या उससे बस बहाना चाहिए था ??
मुझे पा कर उससे क्या चैन मिलता
जिसे सारा ज़माना चाहिए था
के उसे अब लौट आना चाहिए था
यह सारा बोझ मेरे सर पे क्यों है
उसे भी थोड़ा गम उठाना चाहिए था
इतनी खामोशी से ताल्लुक तोड़ दिया
उसे पहले बताना चाहिए था
उसकी यादों की खुश्बू है आज भी मेरे दिल मैं
मुझे जिसको भुलाना चाहिए था
ज़रा सी ग़लती पे रूठ बैठे
क्या उससे बस बहाना चाहिए था ??
मुझे पा कर उससे क्या चैन मिलता
जिसे सारा ज़माना चाहिए था
++++++++++
"वो अल्फ़ाज़ ही क्या,जो समझाने पड़े
हमने मोहब्बत की है, कोई वकालत नही"..
हमने मोहब्बत की है, कोई वकालत नही"..
++++++++
बिखरे अरमानो के मोती हम पिरो ना सके,
तेरी याद में सारी रात हम सो ना सके,
भीग ना जाए आंसुओं में तस्वीर तेरी,
बस यही सोच कर हम रात भर रो ना सके/
तेरी याद में सारी रात हम सो ना सके,
भीग ना जाए आंसुओं में तस्वीर तेरी,
बस यही सोच कर हम रात भर रो ना सके/
+++++++
अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं,
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं ,
रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया,
वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं.....
सबको प्यार देने की आदत है हमें,
अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे,
कितना भी गहरा जख्म दे कोई,
उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें...
इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं,
खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं ,
रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया,
वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं.....
सबको प्यार देने की आदत है हमें,
अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे,
कितना भी गहरा जख्म दे कोई,
उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें...
इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं,
+++++++++
तेरी याद भी है बचपन के खिलौनों की तरह
जब तनहा होते हैं लेकर खेलने बैठ जाते हैं
जब तनहा होते हैं लेकर खेलने बैठ जाते हैं
+++++++++
शुक्र है खुदा का कि उसने ये पेज नही देखा..
वर्ना उसे मुझ से नही खुद से मोहब्बत हो जाती..
वर्ना उसे मुझ से नही खुद से मोहब्बत हो जाती..
+++++++
"करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो ,
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए"..
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए"..
+++++++++
"न जाने कब खर्च हो गये , पता ही न चला,
वो लम्हे , जो छुपiकर रखे थे जीने के लिए"..
वो लम्हे , जो छुपiकर रखे थे जीने के लिए"..
++++++++++
ये फिक्र ,ये इंतज़ार ,ये अंदाज़ -ए -गुफ्तगू ,
संभल जाओ अब तुम,
तुम्हें मोहब्बत हो रही है....
संभल जाओ अब तुम,
तुम्हें मोहब्बत हो रही है....
+++++++++
"खूब करता है, वो मेरे ज़ख्म का इलाज,
कुरेद कर देख लेता है, और कहता है वक्त लगेगा"..
कुरेद कर देख लेता है, और कहता है वक्त लगेगा"..
+++++++
मोहब्बत और मौत दोनों की पसंद
अजीब है...
एक को दिल चाहिए और दुसरे को धड़कन...!!!
अजीब है...
एक को दिल चाहिए और दुसरे को धड़कन...!!!
+++++++
किसी को महोब्बत की सच्चाई मार डालेगी,
किसी को महोब्बत की गहराई मार डालेगी,
कर के महोब्बत कोई नहीं बचेगा,
जो बच गया उसे तनहाई मार डालेगी.
किसी को महोब्बत की गहराई मार डालेगी,
कर के महोब्बत कोई नहीं बचेगा,
जो बच गया उसे तनहाई मार डालेगी.
+++++++++
चुपके से ले कर नाम तेरा गुज़ार देंगे ये ज़िंदगी ,
बता देंगे ज़माने को प्यार ऐसे भी होता है.
बता देंगे ज़माने को प्यार ऐसे भी होता है.
++++++++
जिंदगी तु बहुत खुबसुरत
है मगर..
उसके बगैर तु मजेदार नही लगती.
है मगर..
उसके बगैर तु मजेदार नही लगती.
++++++++
चंद लम्हे मेरी जिंदगी में ऐसे भी आये,
दोस्तों ने दुश्मनी जी भर के निभाई..
दोस्तों ने दुश्मनी जी भर के निभाई..
+++++++++
ज़िदगी जीने के लिये मिली थी,
लोगों ने सोचने में ही गुज़ार दी....
लोगों ने सोचने में ही गुज़ार दी....
+++++++++
कभी फूलों की तरह मत जीना,
जिस दिन खिलोगे... टूट कर बिखर जाओगे
जीना है तो पत्थर की तरह जियो;
जिस दिन तराशे गए... "खुदा" बन जाओगे
जिस दिन खिलोगे... टूट कर बिखर जाओगे
जीना है तो पत्थर की तरह जियो;
जिस दिन तराशे गए... "खुदा" बन जाओगे
+++++++++++++
उदासियों की वजह तो बहुत है जिन्दगी में.........
पर बेवजह खुश रहने का.. मज़ा ही कुछ और है....
पर बेवजह खुश रहने का.. मज़ा ही कुछ और है....
+++++++++++
"दर्द देने का अंदाज कुछ ऐसा है,
दर्द दे कर कहते है अब हाल कैसा है,
ज़हर दे कर कहते है अब पीना होगा,
जब पी लिए तो कहते है अब जीना होगा"
दर्द दे कर कहते है अब हाल कैसा है,
ज़हर दे कर कहते है अब पीना होगा,
जब पी लिए तो कहते है अब जीना होगा"
++++++++
मैं चुप रहा और गलतफहमियां बढती गयी,
उसने वो भी सुना जो मैंने कभी कहा ही नहीं...
उसने वो भी सुना जो मैंने कभी कहा ही नहीं...
++++++++
जुदा हो के भी दोनों जी रहें हैं मुद्दत से,
कभी दोनों ही कहते थे के ऐसा हो नहीं सकता...!!
कभी दोनों ही कहते थे के ऐसा हो नहीं सकता...!!
+++++++
बड़ी मुश्किल से सुलाया है ख़ुद को मैंने,
अपनी आंखों को तेरे ख़्वाब क़ा लालच देकर.
अपनी आंखों को तेरे ख़्वाब क़ा लालच देकर.
_+++++++
आखिर ज़िन्दगी ने भी आज पूछ लिया मुझसे
कहाँ है वो शख्स जो तुझे मुझसे भी अज़ीज़ था |
कहाँ है वो शख्स जो तुझे मुझसे भी अज़ीज़ था |
+++++++++
पत्थर की दुनिया जज्बात नही समझती
दिल मे क्या हे वो बात नही समझती
तन्हा तो चांद भी सितारों के बीच हे
पर चांद का दर्द वो रात नही समझती
दिल मे क्या हे वो बात नही समझती
तन्हा तो चांद भी सितारों के बीच हे
पर चांद का दर्द वो रात नही समझती
++++++++++++
आज अचानक फिर से वो डायरी में यूँ टकरा गये
हो पहली-पहली बार सब कुछ ऐसा किस्सा सुना गये
कोशिश तो की मैंने मगर पन्ना नहीं पलटा गया
ली वक्त ने करवट मगर हमसे नहीं पलटा गया
धुँधले हुये शब्दों ने फिर एक साफ मूरत जोड़ ली
सूखे हुये गुलाब ने एक पल में खुशबू मोड़ ली
लिखे हुये वादे सभी एक पल में जैसे खिल गये
छूटे हुये अरमान सब ख्वाबों से आके मिल गये
सब छोड़ के तुम पास थे
बाहों के अब विश्वास थे
आँखों ने फिर से सींच के तुमसे कही बातें वही
तुमने भी शरमा के फिर धीरे से है हामी भरी
अब वक्त जैसे है नहीं और बस तुम्हारा साथ है
अब स्वर्ग को जाना नहीं जो हाथ तेरा साथ है
फिर हाथ तेरा थामकर
खिड़की से बाहर झाँककर
हमने नयी दुनिया गढ़ी
जिसमें न कोई अंत था
पल-पल में जब वसन्त था
इतने में एक झोंका आया
मुझे एक पल को भरमाया
मैंने रोका पर रुका नहीं
पन्ना भी तो अब टिका नहीं
पन्ना पलटा और आँख खुली
पन्ना पलटा और आँख खुली
और दूरी का अहसास हुआ
दूरी का अह्सास हुआ……
हो पहली-पहली बार सब कुछ ऐसा किस्सा सुना गये
कोशिश तो की मैंने मगर पन्ना नहीं पलटा गया
ली वक्त ने करवट मगर हमसे नहीं पलटा गया
धुँधले हुये शब्दों ने फिर एक साफ मूरत जोड़ ली
सूखे हुये गुलाब ने एक पल में खुशबू मोड़ ली
लिखे हुये वादे सभी एक पल में जैसे खिल गये
छूटे हुये अरमान सब ख्वाबों से आके मिल गये
सब छोड़ के तुम पास थे
बाहों के अब विश्वास थे
आँखों ने फिर से सींच के तुमसे कही बातें वही
तुमने भी शरमा के फिर धीरे से है हामी भरी
अब वक्त जैसे है नहीं और बस तुम्हारा साथ है
अब स्वर्ग को जाना नहीं जो हाथ तेरा साथ है
फिर हाथ तेरा थामकर
खिड़की से बाहर झाँककर
हमने नयी दुनिया गढ़ी
जिसमें न कोई अंत था
पल-पल में जब वसन्त था
इतने में एक झोंका आया
मुझे एक पल को भरमाया
मैंने रोका पर रुका नहीं
पन्ना भी तो अब टिका नहीं
पन्ना पलटा और आँख खुली
पन्ना पलटा और आँख खुली
और दूरी का अहसास हुआ
दूरी का अह्सास हुआ……
+++++++++++++
मैं किसी को क्या इल्ज़ाम दूं अपनी मौत का दोस्तो,
यहॉ तो सताने वाले भी अपने थे और दफ़नाने वाले भी अपने...
यहॉ तो सताने वाले भी अपने थे और दफ़नाने वाले भी अपने...
+++++++++
आज कोई नया ज़ख़्म नही दिया उसने मुझे,
कोई पता करो वो ठीक तो है ना...
कोई पता करो वो ठीक तो है ना...
+++++++++
कोई ताबीज ऐसा दो कि मैं चालाक हो जाऊं बहुत नुकसान देती है मुझे ये सादगी मेरी ।
++++++
दिल तो कहता है कि छोड़ जाऊं ये दुनियां हमेशा के लिए;फिर ख्याल आता है कि वो नफरत किस से करेंगे मेरे चले जाने के बाद ?
++++++++आग लगी थी मेरे घर को, उसने पुछा ! क्या बचा है ?
मैंने कहा मैं बच गया हुँ ! उसने हँसकर कहा 'फिर जला ही क्या है'
++++++++++
वो रोई तो जरूर होगी, खाली कागज़ देखकर, . ज़िन्दगी कैसी बीत रही है, पूछा था उसने ख़त में..
_+++++++++
उसने पूछा की क्या, ......"पसंद है तुम्हे".... ?? और मैं बहुत देर तक,..... "उसे देखता रहा"....!
+++++++++
"कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की महफिलों से, हमे आवाज दे देना हम अक्सर अकेले होते हैं !!"
++++++++
" हर शख्स मुझे ज़िन्दगी जीने का तरीका बताता है, उन्हें कैसे समझाऊ कि एक 'ख्वाब' अधूरा है मेरा.. वरना जीना तो मुझे भी आता है !
++++++++
मुमकिन है तेरे बाद भी.. आती होगी बहारेँ.. गुलशन मेँ हमने फिर कभी.. जाकर नहीँ देखा..
+++++++++
टूटा टूटा एक परिंदा ऐसे टूटा, के फिर जुड़ ना पाया, लूटा लूटा किसने उसको ऐसे लूटा, के फिर उड़ ना पाया.. गिरता हुआ वोह अस्मा से आकर गिरा ज़मीन पर ख्वाबो मे फिर भी बदल ही थे वोह कहता रहा मगर के अल्लाह के बन्दे हसदे अल्लाह के बन्दे, अल्लाह के बन्दे हसदे जो भी हो कल फिर आएगा..
खो के आपने पर ही तो उसने था उड़ ना सिखा
खो के आपने पर ही तो
खो के आपने पर ही तो उसने था उड़ ना सिखा
ग़म को आपने साथ मे लेले दर्द भी तेरे काम आएगा
अल्लाह के बन्दे हसदे अल्लाह के बन्दे,
अल्लाह के बन्दे हसदे जो भी हो कल फिर आएगा..
टुकड़े तुके हो गया था हर सपना जब वोह टूटा
टुकड़े तुके हो गया था आ आया आ
टुकड़े तुके हो गया था हर सपना जब वोह टूटा
भिकरे टुकड़ो मे अल्लाह की मर्ज़ी का मंज़र पायेगा
अल्लाह के बन्दे हसदे अल्लाह के बन्दे,
अल्लाह के बन्दे हसदे जो भी हो कल फिर आएगा..
टूटा टूटा एक परिंदा ऐसे टूटा
के फिर जुड़ ना पाया
लूटा लूटा किसने उसको ऐसे लूटा
के फिर उड़ ना पाया
गिरता हुआ वोह अस्मा से
आकर गिरा ज़मीन पर
ख्वाबो मे फिर भी बदल ही थे
वोह कहता रहा मगर
अल्लाह के बन्दे हसदे अल्लाह के बन्दे,
अल्लाह के बन्दे हसदे जो भी हो कल फिर आएगा....
+++++++++
मै आंधियो से क्यों डरूं, जब मेरे अन्दर ही तूफ़ान है,
मै मंदिर, मस्जिद क्यों भटकूँ जब मेरे अन्दर ही भगवन है
+++++++++
ज़िन्दगी चाहत का सिलसिला है, कोई मिल जाता है तो कोई बिछड जाता है, जिसे मांगते है हम अपनी दुआ में, वो किसी और को बिना मांगे ही मिल जाता है
++++++++
नीलाम कुछ इस तरह से हुई मेरी मोहब्बत बाज़ार में ___!बोली लगाई उसने, जिसने कभी झोली फैला कर माँगी थी ___!!
+++
मरहम न सही एक जख्म ही दे दो महसूस तो हो की हमे तुम भूले नहीं हो..
++++++++
कौन कौन आता है चौखट पर तेरी .... एक बार अपनी मौत की अफवाह उड़ा के तो देख ....
+++++++
बहुत मजबूत हूँ लेकिन,फिर भी टूट जाती हूँ, तुम्हारा तल्ख़ लहज़ा बहुत तकलीफ देता है.....
++++++++